ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24
दरभंगा–अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा(खेग्रामस) के राज्यव्यापी आहवान पर दरभंगा के सैकड़ों गरीबों ने लहेरियासराय पोलो मैदान धरना स्थल से चलकर दरभंगा क्लब, कमिशनरी, समाहरणालय, टावर होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक मोदी सरकार के खिलाफ खेग्रामस के जिला सचिव सत्यनारायण पासवान उर्फ पप्पू, जिलाअध्यक्ष सत्यनारायण मुखिया, राज्य उपाध्यक्ष हरि पासवान, मो जमालुद्दीन, मनरेगा मजदूर सभा के नेता पप्पू पासवान, भाकपा(माले) जिला नेता विनोद सिंह के नेतृत्व में आरोप पत्र लेकर मार्च किया और महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को आरोप पत्र सौंपा।
इस अवसर पर खेग्रामस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य देवेन्द्र कुमार के अध्यक्षता में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ दलितों, वंचितों और गरीबों द्वारा दायर आरोप पत्र के माध्यम से देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़े समुदायों, अत्यंत पिछड़े समुदायों , वंचितों और मजदूरों की गंभीर हालत से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को अवगत कराकर देश के तस्वीर को रेखांकित करने का काम किया। देश कि आवाम भूख, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त झेल रहा है इसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष तेज करने का आहवान किया। वहीं सभा को सम्बोधित करते हुए खेग्रामस के राज्य उपाध्यक्ष शनिचरी देवी ने कहा कि देश में दलितों और गरीबों के लिए आवास का मुद्दा बेहद चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को पक्का मकान देने का वादा छलावा साबित हुआ है। बुलडोज़र राज ने असंख्य दलितों, आदिवासियों, झुग्गीवासियों और मजदूरों को बेघर कर दिया है इसका हिसाब 2024 के चुनाव में लेकर मोदी सरकार को सबक सिखाया जाएगा।
जिला सचिव सत्यनारायण पासवान ने कहा कि विकलांगों को सम्मानजनक पेंशन देने से सरकार का इनकार आपराधिक असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। घटती आय, बढ़ती बिजली दर और रसोई गैस की कीमतें दलितों और गरीबों को फिर से अंधेरे युग में धकेल रही हैं, और आम गृहिणियां एक बार फिर धुएं वाले चूल्हे का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं। अभूतपूर्व रोजगार संकट के दौर में मोदी सरकार ने मनरेगा को खत्म करने का काम किया है इसके खिलाफ गांव- गांव में जन अभियान चलाकर आंदोलन तेज किया जाएगा। खेग्रामस नेता सत्यनारायण मुखिया ने कहा कि शिक्षा के निजीकरण और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने वाली दस्तावेज़ नई शिक्षा नीति ने दलितों और वंचितों के शिक्षा प्राप्त करने के सपने को चकनाचूर कर दिया है। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के व्यापक निजीकरण ने आयुष्मान भारत योजना की पर संशय पैदा कर दिया है।
नेताओं ने आरोप पत्र के आलोक में कहा कि केंद्र सरकार पर ग्रामीण गरीबों ने अविश्वास जाहिर कर यह तय कर लिया है कि 2024 के आम चुनावों में मोदी सरकार को सत्ता से हटा कर हीं दम लेगा। सभा को अन्य लोगों के अलावा विश्वनाथ पासवान, सन्तोष यादव, जयबुन निशा, अफसाना, शकीना, रामनाथ राय, शांति देवी, रामप्रीत कहार, प्रियंका देवी, रंजू देवी, रानी देवी, सीता देवी, वीरेंद्र पासवान, सुरेन्द्र यादव आदि ने सम्बोधित किया।