ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24
दरभंगा–राज्य के अधिकांश जिले के दंडाधिकारी द्वारा विद्यालय बंद करने संबंधी निर्णय के बीच शिक्षा सचिव के द्वारा विद्यालय खोलने को लेकर जारी निर्देश से उत्पन्न विवाद पर समाजसेवी बाल अधिकार विशेषज्ञ अजीत कुमार मिश्र ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिला दंडाधिकारी को नाबालिग बच्चे कैसे संरक्षित व सुरक्षित रहेंगे निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है।

राज्य में जारी शीत लहर को देखते हुए ली गई निर्णय बिल्कुल सही है। किशोर न्याय पद्धति किशोर के सर्वोत्तम हित पर आधारित है। शिक्षा विभाग द्वारा ली गई निर्णय बच्चे के विरूद्ध क्रूरता के साथ ही मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक दवाब परिलक्षित होती है, जो किशोर न्याय अधिनियम के विरुद्ध है।

उन्होंने आगे कहा के अगर इस शीत लहर में किसी बच्चे के साथ कोई अनहोनी होता है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या शिक्षा विभाग को अपनी फैसले पर दोबारा विचार नहीं करना चाहिए?