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दरभंगा–राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवम पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री तथा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर पर्यवेक्षण गृह दरभंगा मे जयंती मनाई गईं। कार्यक्रम के शुरुआत गांधी एवम शास्त्री के चित्र पर सुतांजली तथा पुष्पांजलि अर्पित कर सर्व धर्म प्रार्थना सभा से की गईं। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ट गांधीवादी हृदय नारायण चौधरी ने चरखा से सूत काटकर सत्य व अहिंसा का पाठ पढ़ाते हुए कहा की चरखा सत्य अहिंसा व स्वाबलंबन का प्रतीक है, जिसके बल पर अंग्रेजो को हराया गया। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र ने बच्चों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि अहिंसा मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत है। आज हमारा समाज, परिवार, राष्ट्र के साथ ही संपूर्ण दुनियां अंतर्कलह से जूझ रही है, ऐसे मे गांधी विचार को अपनाना होगा। गांधी विचार ही हमें शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। बोर्ड की सदस्या डॉ कुमारी गुंजन ने योग निद्रा के माध्यम से गांधी के विचारों मे योग व नेचुरोपैथ के महत्व को रेखांकित की। गांधीवादी भगवती प्रसाद झा ने कहा की गांधी के अनुसार अच्छे संगति से अच्छे मानव बन सकते हैं। विजन के निदेशक अजय किशोर ने कहा कि गांधी जी चाहते थे कि शिक्षा आर्थिक उपार्जन के लिए नहीं शिक्षा मानवता को जिंदा रखकर संस्कारवान बनाने के लिए होनी चाहिए। डॉ कुमारी भारती रंजन ने तथा पंकज चौधरी ने कविता के माध्यम से ग्राम स्वराज्य का अर्थ बताते हुए कहा कि एक बड़े समृद्ध परिवार में जन्मे गांधी ने एक धोती पहनकर पूरे दुनियां के समक्ष सत्याग्रह के बल लड़ाई जीती जा सकती है साबित कर दिए। कार्यक्रम के शुरुआत में आगत अतिथि स्वागत व संचालन वरिष्ठ परामर्शी राम शंकर झा एवम धन्यवाद ज्ञापन अधीक्षिका डेजी कुमारी ने की। इस अवसर पर पी ओ बसंत ठाकुर, शोभानंद, दीपक, राजकुमार आदि कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

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