
ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24
दरभंगा–जाति गणना एक विमर्श (सामाजिक आर्थिक रिपोर्ट : गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा के दुष्चक्र से निकलने का रास्ता क्या है) विषय पर आज लोकतांत्रिक नागरिक मंच के बैनर तले आज सीएम लॉ कॉलेज में जन कंवेंशन का आयोजन किया गया। कन्वेंशन की अध्यक्षता तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल मंच के सरंक्षक अशर्फी राम, RYA के प्रदेश उपाध्यक्ष रंजित राम, आइसा राज्य सह सचिव प्रिंस राज ने किया। संचालन प्रिंस राज ने किया। इस अवसर पर कंवेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा की आज बिहार में हुए जातीय गणना ने पूरे देश को एक नई दिशा देने का काम किया है। उन्होंने कहा की जाति गणना तो हुआ है लेकिन जाति गणना के साथ साथ भूमि का सर्वे भी होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा की राज्य की बहुतायत आबादी की पारिवारिक मासिक आमदनी 6000 से 10 हजार के करीब यह दिखलाता है कि डबल इंजन की सरकार इस मामले में सफल नहीं रही है। समृद्ध भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है, इसलिए केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे। यह अभियान बिहार के आम लोगों का अभियान बनना चाहिए, छात्रयुवाओं को आगे आना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि दलितवंचितों की भागीदारी दावेदारी बढ़ाकर ही समतामूलक समाज बन सकता है। इस रौशनी में ही बाबा साहेब अंबेडकर ने जाति के विनाश की रूपरेखा प्रस्तुत की है। सेमिनार में उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आरक्षण के दायरे का विस्तार करना और गरीबी बेकारी दूर करने के लिए विशेष ग्रांट की योजना सही है। इसके साथ ही सरकार को वास आवास, भूमि अधिकार, न्यूनतम मजदूरी आधारित मासिक मानदेय, सम्मानजनक पेंशन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मुकम्मल रोड मैप बनाना चाहिए। वही अवकाश प्राप्त जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश साफी ने कहा की जातीय गणना का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा की गणना से आज यह साफ हो गया है की गांव में मजदूर या दलित पिछड़ी जाति के लोग आज भी सरकारी जमीन पर बसे हुए है। उन्होंने कहा की केंद्र की सरकार सिर्फ प्रचार करने वाली सरकार है। देश की स्थिति भयावह है। आने वाले चुनाव में सभी लोगो को साथ मिलकर मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेना होगा। वही राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मुनेश्वर यादव ने कहा की आज का समय आवारा पूंजीवाद का समय है। उन्होंने कहा की मोदी सरकार 2047 तक विकसित भारत का संकल्प दिखा रहा है लेकिन वो अपने पांच साल का हिसाब नही दे पा रहा हैं। आज भारत की आर्थिक स्थिति जुगार टेक्नोलॉजी के बल पर चल रही है। ऐसे स्थिति में हम लोगो को सोचने की जरूरत है की हमारे आने वाले पीढ़ी का क्या होगा। वही उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा की आबादी बढ़ रही है लेकिन वि वि और महाविद्यालय का विकास नहीं हो रहा है। नागरिक मंच को इन सवालों पर भी लड़ना होगा। वही जसम राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. सुरेंद्र सुमन ने कहा जाति जनगणना की रिपोर्ट पूरे हिंदुस्तान के लिए विकास का मार्ग खोलेगी। हमारी ये मांग है कि जिस तरह बिहार में जाति जनगणना हुई है उसी तरह पूरे भारत में जाति जनगणना होनी चाहिए। पूंजी और जाति के गठजोड़ का जो वर्चस्व है, उसे जब तक तोड़ा नहीं जाएगा तब तक शोषण दमन से मुक्ति मुश्किल है। वही सीएम लॉ कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ बदरे आलम खां ने कहा की 1947 में भारत को आजाद कराने में सभी लोगो की भूमिका थी। लेकिन आज उससे भी भयावह स्थिति बना हुआ हैं। आज भी समय की मांग है कि हम सभी लोगो को मिलकर वर्तमान सरकार को हराना होगा। उन्होंने कहा की आज शिक्षा को लेकर समाज के अंदर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है। वही भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक नागरिक मांग को और मजबूत करनें की जरूरत है। विभिन्न मुद्दों पर एकता बनाकर लड़ने की जरूरत है। वही कंवेंशन में शामिल लोगों से 18 दिसंबर को पटना में आयोजित रैली को सफल बनाने की अपील की। वही मंच के संरक्षक अशर्फी राम ने कहा की जातीय गणना के रिपोर्ट को गांव गांव में ले जाने की जरूरत हैं और समाज के बीच रखना होगा। कन्वेंशन में डॉ रविन्द्र कुमार ठाकुर, भूषण मंडल, नंदन प्रसाद सिंह, राजेश राम, उमेश प्रसाद साह, देवेंद्र कुमार, पप्पू पासवान, अवधेश सिंह, केशरी यादव, संदीप कुमार चौधरी, राजु कर्ण, अभिषेक कुमार, विशाल कुमार माझी, दुर्गा दास, गंगा मंडल, मनोज यादव, शनिचरी देवी, रंजन प्रसाद सिंह, सुरेंद्र कुमार राम, अरविंद राम, मोहमद जमाल उद्दीन, मयंक कुमार यादव, शम्स तबरेज, मिथिलेश कुमार, समीर कुमार, जयनारायण कुमार सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।