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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–राजभवन, बिहार के पत्र के आलोक में आज संध्याकाल में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी ने योगदान किया। उन्होंने पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह से वीसी कार्यालय में कुलपति का कार्यभर ग्रहण किया।

तत्पश्चात विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित स्वागत समारोह में उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रमोशन, बकाया भुगतान सहित सभी कार्य प्राथमिकता के आधार पर संपादित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय का कार्य नियमों से, पूर्ण पारदर्शिता तथा लोकतांत्रिक ढंग से होगा। पिछले 15 वर्षों का प्रधानाचार्य का तथा चार माह का कुलपति के अनुभव के आधार पर सभी समस्याओं के हल का प्रयास करेंगे। कुलपति ने कहा कि नकारात्मकता हमें डल बनाता है। अतः सभी सकारात्मक रहकर, पूरे सहयोग से अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से पालन करें। पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि मेरे 3 वर्ष 4 माह 4 दिन के कार्यकाल में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, पदाधिकारी एवं मीडिया कर्मियों ने पूर्ण सहयोग किया। जिन समस्याओं पर ध्यान दिलाया गया, ही दूर किया गया और वे समस्याऐ दुबारा कभी नहीं आयीं। इसी कारण हमारा विश्वविद्यालय लगभग हर क्षेत्र में बेहतरीन रहा। अपने स्वागत संबोधन में कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित ने वर्तमान एवं पूर्व कुलपति का विश्वविद्यालय की ओर से पाग, चादर, बुके एवं मिथिला चित्रकला से स्वागत करते हुए कहा कि पूर्व कुलपति ने लगभग 3:5 वर्षों में विश्वविद्यालय को व्यवस्थित किया और हमलोगों को इनसे कई अनुभव प्राप्त हुए। इनके प्रयास से ही विश्वविद्यालय बी प्लस प्लस नैक ग्रेड पाकर बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

इस अवसर पर सीनेट सदस्य डा बैजनाथ चौधरी, कर्मचारी नेता द्वय विनय कुमार झा तथा दशरथ यादव ने भी संबोधित किया। समारोह में संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्रधानाचार्य, पदाधिकारी, शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र- छात्राएं काफी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने पाग, चादर, बुके तथा फूलमाला आदि से नये कुलपति का स्वागत किया। साथ ही नये कुलपति आगमन के अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में पटाखे भी छोड़े गए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अशोक कुमार मेहता ने किया। अपनी योगदान से पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर चौधरी ने श्यामा मंदिर में दर्शन के उपरांत वीसी आवास गए। तत्पश्चात उन्होंने कार्यालय में कुलपति का प्रभार लिया।

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