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दरभंगा–जिला परिषद दरभंगा के सभागार में पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में किये जा रहे कार्यों से विभिन्न करों की कटौती एवं स-समय जमा करने के विषय पर बिरौल, बेनीपुर, अलीनगर, कुशेश्वरस्थान एवं कुशेश्वरस्थान पूर्वी के सभी ग्राम पंचायत सेवक एवं लेखपाल सह आईटी सहायक के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 5 अक्टूबर तक अन्य शेष प्रखण्डों के लिए चलेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रभारी जिलाधिकारी- सह- उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा रानी के कर कमल से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उप जन संपर्क निदेशक नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज, श्रम अधीक्षक राकेश कुमार रंजन ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा की वर्तमान समय में सभी कार्य ऑनलाइन हो गया है, इसलिए आपके कार्य को सभी देख रहे हैं, सभी कार्यों के डाटा को अपलोड किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में करों कि कटौतियां बहुत दिनों से की जा रही है, लेकिन विधिवत रूप से स-समय जमा किया जाना भी जरूरी है। जीएसटी, श्रम उपकर, आईटी, खनिज विभाग के रॉयल्टी की कटौती कर सही खातों में ससमय जमा करना है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ग्राम पंचायत सचिव और लेखा पाल का काम ससमय निष्पादित हो, राशि का रख-रखाव सही तरीके से किया जाए, यदि इसमें कोई कमी पाई जाएगी तो आप पर कार्रवाई तो होगी ही वेतन से राशि की कटौती भी की जाएगी। यह भी आपको देखना है कि सरकारी राशि का विचलन नहीं हो, करों की कटौतियां विधिवत जमा किया जाए। उन्होंने कहा कि कई पुराने पंचायत सचिव, जिन्होंने योजना राशि का विचलन किया, सेवानिवृत्ति के बाद भी उन पर कार्रवाई हो रही है, इसलिए सरकारी राशि का किसी स्तर पर विचलन नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही उसका लेखा भी समुचित तरीके से संधारित हो। प्रायः देखा जाता है किसी मद की राशि स्थानीय जन प्रतिनिधि के दबाव में किसी अन्य मद में खर्च कर दिया जाता है, इस तरह के विचलन की जानकारी बाद में होने पर संबंधित जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी कार्रवाई के पात्र बन जाते हैं, इसलिए किसी भी परिस्थिति में योजना राशि का विचलन नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्य एवं अन्य कार्यों के लिए विभिन्न सामग्रियों का पंचायत स्तर पर क्रय किया जाता है, यह सभी क्रय जैम पोर्टल के माध्यम से ही किया जाए,जैम पोर्टल को वित्तीय अनुशासन के अनुरूप माना जाता है। अब पंचायतों का रैंकिंग एवं रेटिंग किया जा रहा है, इसके लिए पंचायत विकास सूचकांक, जो विकास एवं स्वास्थ्य के विभिन्न बिंदुओं पर बनाया गया है, इन बिंदुओं का प्रत्येक ग्राम सभा में चर्चा होनी चाहिए, ताकि उसके अनुरूप कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत का शैक्षणिक एवं बौद्धिक विकास होनी चाहिए। केवल सड़क एवं नाला निर्माण करना ही पंचायत का काम नहीं है। बल्कि विभिन्न योजनाओं की जानकारी देना, गांव को स्वच्छ बनाना, ग्रामीणों के बेहतर जीवन व बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करना भी पंचायत का दायित्व है। बैठक में जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने जीएसटी/आईटी, श्रम उपकर एवं रॉयल्टी के साथ जीएस निर्णय एप्लीकेशन एवं मेरी पंचायत एप्प के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। श्रम अधीक्षक ने पंचायतों को एक प्रतिशत श्रम उपकर की कटौती कर भुगतान करने एवं उसे जिला पंचायती राज कार्यालय के माध्यम से श्रम संसाधन विभाग को स-समय जमा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं पर व्यय इन्हीं उपकरों से किया जाता है। इसलिए स-समय लेवर शेष की कटौती राशि को जमा कराया जाए। उन्होंने शताब्दी योजना, बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के संबंध में भी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप जन संपर्क निदेशक ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए बिरौल, बेनीपुर, अलीनगर, कुशेश्वरस्थान एवं कुशेश्वरस्थान पूर्वी के सभी ग्राम पंचायत सेवक एवं लेखपाल सह आईटी सहायक को पंचायत में आयोजित कार्यक्रमों/ ग्राम सभा में इन योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

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