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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–बिहार के दरभंगा जिला में असामाजिक तत्वों के द्वारा मोरो थाना पर आग लगाने की घटना में शामिल बदमाश को सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहचान कर गिरफ्तार करने का काम किया है।

उक्त बातें की जानकारी देते हुए वही दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने कहा कि बीती रात्रि में करीब 1 बजे मोरो थानाध्यक्ष द्वारा सूचना दिया गया कि कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा थाना में आग लगाने का प्रयास किया गया। हालांकि वहां पर तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा आग पर काबू पा लिया गया। बहुत ज्यादा क्षति वहां पर नहीं हो पाया है। सूचना मिलते ही वरीय पदाधिकारी सहित मैं खुद वहां पहुंचा। वहां पर तैनात सभी पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल से पूछताछ की गई। साथ ही थाना पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया जिसके बाद मोरो थाना में एक एफआईआर दर्ज की गई है।

वही अवकाश कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद एक व्यक्ति की पहचान हुई है। जिसकी गिरफ्तारी भी की गई है। जिनका नाम धर्मेंद्र ठाकुर है, वह कपरपुरा का रहने वाले है। अनुसंधान के क्रम में पता चला है कि धर्मेंद्र ठाकुर तीन भाई हैं। जिनके बीच रविवार को किसी बात को लेकर लड़ाई हुई थी। इसमें से एक भाई कल थाना पर केस करने के लिए आ रहा था। इस बात की सूचना जैसे ही धर्मेंद्र को लगी। उसने अपने भाई को रोकने के मकसद से लाठी लेकर थाने पर पहुंचा और इसको थाने पर पहुंचने में एक और व्यक्ति अरुण यादव का नाम सामने आया है।पूछताछ के दौरान धर्मेंद्र ने अरुण यादव का नाम बताया है। उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र ने कुछ देर तक अपने भाई को थाने पर ढूंढा। जिसके बाद थाना पर रखा डीजल को गिराकर आग लगाने का प्रयास किया। लेकिन वहां पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के द्वारा आग पर काबू पा लिया गया। पूछताछ के दौरान धर्मेंद्र ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। वही उन्होंने कहा कि अभी तक के जानकारी के अनुसार इसके ऊपर मधुबनी जिला में भी एक केस दर्ज है। इसके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

वहीं उन्होंने बताया कि धर्मेंद्र का एक भाई और है जो देसी शराब बनाने के जुर्म में पूर्व में जेल जा चुका है। अन्य बिंदुओं पर पूछताछ कर अनुसंधान की जा रही है। घटना के वक्त थाने पर जिन पदाधिकारी या बल ड्यूटी थी। उनके द्वारा त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई घटना को घटित होने से क्यों नहीं रोका गया उसके संदर्भ में हम लोग जांच कर रहे हैं। सदर एसडीपीओ को 2 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

By Admin

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