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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–महान शिक्षाविद एवं समता पार्टी के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय उमाकांत बाबू के जयंती समारोह को भव्य रूप से मनाने के उद्देश्य से बिशनपुर प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में उनके अनुयायियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उनके कनिष्ठ पुत्र सह बेनीपुर विधायक प्रोफेसर विनय कुमार चौधरी ने की। इस दौरान जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सह विधायक श्री चौधरी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि 7 जनवरी को आयोजित इस जयंती समारोह को भव्य रूप देने की जवाबदेही आप सभी कार्यकर्ताओं की है। जिसके लिए आप लोग इस तैयारी में जुट जाएं और अधिक से अधिक लोगों को इसकी सूचना भेजी जाए जिससे उन्हें याद करने के लिए उनके अनुयाई अधिक से अधिक संख्या में भाग ले सके। विधायक श्री चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि आजकल ऐसे शिक्षाविद विरले ही मिला करते हैं जो आजीवन एक कुशल शिक्षक के रूप में न केवल अपने पुत्रों और परिजनों को बल्कि सभी बच्चों एवं शुभेक्षुओं को मार्गदर्शन देते रहे। राजनीति में रहते हुए उन्होंने जिस सुचिता का परिचय दिया वह आज के समय में शायद ही देखने को मिल सकती है। जिसका परिणाम था कुछ गिने चुने लोगों द्वारा मिलकर समता पार्टी की नीव माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में रखी गई जो आज एक विशाल बट वृक्ष के रूप में बिहार के लोगों को शीतलता प्रदान कर रही है।

विधायक श्री चौधरी ने उनके जयंती समारोह पर अपने विधानसभा क्षेत्र बेनीपुर के माध्यमिक के तीन सबसे अधिक मेधावी छात्र एवं गृह क्षेत्र पूर्ण हायाघाट बिधानसभाके माध्यमिक के तीन मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की है। इस दौरान जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष शंभू नाथ झा ने स्वर्गीय उमा बाबू को महामानव की संज्ञा देते हुए उनके कई संस्मरण आम लोगों को सुनाया। इस दौरान उन्होंने राजनीति की सुचिता की बात बताते हुए कहा कि उनके चुनाव के समय वह दौर था जब जिसकी लाठी उसकी भैंस बाली कहावत चरितार्थ थी लेकिन उस दौड़ में भी कभी उन्होंने अपने किसी पुत्र परिजन या अनुयाई को लीक से हटकर काम करने की इजाजत नहीं दी भले ही उन्हें चुनाव में असफलता मिली। लेकिन कभी भी वह अपने धर्म ,ईमान और सद् चरित्रता से समझौता नहीं किया। इस तरह के व्यक्तित्व को महा मानव नहीं तो और क्या कहा जा सकता है जबकि आजकल के समय तो लोग चुनाव जीतने के लिए हर स्तर गिरने को तैयार रहते हैं।उन्होंने महान शिक्षाविद बताते हुए कहा कि उन्होंने संपूर्ण क्षेत्र में हर संभव शिक्षा का अलग जगाया जिसका छाप आज उनके पूरे परिवार पर देखा जा सकता है। जिनका राजनीति कोई पेशा नहीं बल्कि उनके आदर्शो का अनुकरण के बदौलत ही समदर्शी बने हुए हैं। इस अवसर पर एजाज अखतर खाँ रूमी रमा शंकर सिंह शैलेन्द्र चौधरी कैलाश ढाकुर ,डॉ परमानंद झा,पप्पु सिंह विनय कुमार चौधरी ,गोनू राय रामनरेश चौधरी, रमेश चौधरी राम उदगार यादव, कैलाश कुमार, गौतम कुमार ,सुमनजी चौधरी ,सोमेंद्र झा ,राजीव चौधरी ,मनोज राम, सुजीत चौधरी ,रामचंद्र सहनी, बवलू यादव, महानन्द चौधरी, विमल कुमार चौधरी ,मदन चौधरी आदि प्रमुख उपस्थित थे।

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