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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–भाकपा(माले) का जिला स्तरीय कार्यकर्ता कंवेंशन आज भाकपा(माले) जिला कार्यालय में आयोजित की गई। कंवेंशन की अध्यक्षता 5 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल नेयाज अहमद, नंदलाल ठाकुर, साधना शर्मा, विनोद सिंह, ललन पासवान ने किया। कंवेंशन का संचालन राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार ने किया। इस अवसर पर कार्यकर्ता कंवेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा की हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने 2024 के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं कर दिए हैं, लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं तो 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना पूरी तरह संभव है। 2024 में निर्णायक जीत के लिए आज के ज्वलंत मुद्दों पर एक सशक्त जन अभियान शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर बिहार पर है। बिहार में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन है। यदि महागठबंधन सरकार सही रास्ते पर चले और संघर्ष के मुद्दों पर केंद्रित हो, तो भाजपा की हार निश्चित है। श्री झा ने आगे कहा कि बिहार का सामाजिक-आर्थिक सर्वे सरकारों की विफलता के आंकड़े हैं। लंबे समय से बिहार में ‘डबल इंजन’ की ही सरकार थी। यह सर्वे किसानों की आय दुगनी करने और हर गरीब को पक्का मकान देने के मोदी सरकार के वादे की भी पोल खोल रहा है। बिहार सरकार ने सच को स्वीकार किया है, लेकिन केंद्र सरकार आंकड़ों को छुपाकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, वंचितों के आरक्षण का विस्तार व बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग का स्वागत है, लेकिन लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए। 34 प्रतिशत लोग अतिगरीबों की श्रेणी हैं, 64 प्रतिशत आबादी को गरीब कहना चाहिए। लोग भारी कर्ज व पलायन के जरिए जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। स्कीम वर्करों के लिए न्यूनतम 15000 रु. वेतन, मनरेगा में काम के दिन व मजदूरी बढ़ाकर, खाली पदों पर बहाली आदि के जरिए लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाई जा सकती है। निजीकरण महंगाई को बढ़ावा दे रहा है और लोगों के जीवन को संकट में डाल रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मदों में सरकारी खर्चा बढ़ाना चाहिए। भूमि सुधार, खेती का विकास, लघु उद्योगों की स्थापना सरीखी ढांचागत समस्याएं बिहार के पिछड़ेपन के कारण हैं. यह कोई माले का नहीं बल्कि बिहार के विकास का एजेंडा है। यह महागठबंधन का एजेंडा बनना चाहिए। इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। गरीबी की भयावहता से राज्य को उबारने के लिए विशेषज्ञों की एक कमिटी बने और एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाई जाए।अंबानी-अडानी की जगह गरीबों के विकास का सवाल राजनीति के केंद्र में हो। वही इस अवसर पर भाकपा (माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा की भाकपा(माले) के दिवंगत महासचिव कॉमरेड विनोद मिश्रा के 25 वा शहादत दिवस के अवसर पर पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में एक विशाल सभा का आयोजन है। जिसमे दरभंगा से हजारों की संख्या में पार्टी सदस्य भाग लेंगे। वही उन्होंने कहा की जनगणना के रिपोर्ट को गांव गांव में बताकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार किया जायेगा। इस अवसर पर आर के सहनी, विनोद सिंह, पप्पू पासवान, ललन पासवान, साधना शर्मा, नेयाज अहमद, नंद लाल ठाकुर, हरी पासवान, सबिता देवी, सुनीता देवी,पप्पू खान, प्रो सुरेंद्र प्रसाद सुमन, प्रो कल्याण भारती, उमेश प्रसाद साह, अवधेश सिंह, रानी सिंह, रंजन प्रसाद सिंह, मयंक कुमार, शम्स तबरेज, संदीप कुमार चौधरी, राम विलास मंडल, सुरेंद्र यादव, सूर्य नारायण शर्मा, अशोक राम, शिवन यादव, पप्पू पासवान, प्रिंस राज, कामेश्वर पासवान सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।

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