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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश-सह-मुख्य संरक्षक, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, माननीय न्यायमूर्ति श्री के. विनोद चन्द्रन के संरक्षण एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष-सह-पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति श्री चक्रधारी चरण सिंह के मार्गदर्शन एवं बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति (से0नि0) श्री अनंता मनोहर बदर के नेतृत्व एवं दिशानिर्देश से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर उपकारा बेनीपुर में बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कानून की जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अवर न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के सचिव रंजन देव ने कहा कि राज्य मानवाधिकार आयोग एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के सभी कारा में बंदियों के साथ मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्रसंघ में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया गया। भारत में मानवाधिकार अधिनियम 1993 के तहत राष्ट्रीय स्तर पर एवं राज्य स्तर पर मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया। मानवाधिकार के तहत काराधीन बंदियों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु भी नियम बनाए गए हैं। सचिव श्री देव ने कहा कि बंदियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 में भी प्रावधान किया गया है। जिसके तहत बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराया जाता है। काराधीक्षक धीरज कुमार ने कहा कि कारा अधिनियम 1894 एवं मानवाधिकार के संदर्भ में बंदियों कारा में मौलिक सुविधाएं दी जाती है। शिक्षा, मनोरंजन, स्वास्थ्य आदि के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है। पैनल अधिवक्ता राजनाथ यादव ने गिरफ्तार व्यक्तियों के अधिकार, महिला एवं पुरुष बंदियों के अधिकार, मुफ्त विधिक सेवा के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर जेलर भजन दास, प्राधिकार सहायक कुमार गौरव, पीएलवी नितीश कुमार राम,अरविंद कुमार आदि उपस्थित थे।

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