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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–दरभंगा प्रेक्षागृह में जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के तत्वाधान में विधिक सेवा शिविर 2023 का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री विनोद कुमार तिवारी की अध्यक्षता में की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री राजीव रौशन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हमारा संविधान स्वीकार किया गया, जिसे 26 जनवरी 1950 को भारत में लागू किया गया। संविधान दिवस के अवसर पर एक संविधान सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिससे भारत के सभी नागरिकों को उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की जानकारी प्राप्त हो सके। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी भी उन्हें दी जा सके। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखने में आता है की अर्हता प्राप्त वंचित लोगों के उत्थान के लिए योजनाएं तो है, लेकिन जानकारी के अभाव में वे लाभ नहीं ले पाते हैं, वैसे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में यह कार्यक्रम किया गया है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग के वृद्धा पेंशन योजना, परवरिश योजना, सम्बल योजना, दिव्यांगजन के लिए चलाई जा रही योजना, श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए तथा लोगों जागरूकता लाने हेतु उन विभागों द्वारा स्टॉल लगाया गया है। उन्होंने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया को भी जन-जन तक इन योजनाओं की जानकारी हेतु इस कार्यक्रम को प्रचारित प्रसारित करने हेतु अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को जिनके लिए यह योजना बनाई गई है, यदि हम उन योजनाओं का लाभ उन्हें दे पा रहे हैं तो हम सही दिशा में कार्य कर रहे हैं। आज का यह कार्यक्रम उसी दर्शन के आधार पर आधारित है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान स्वीकार किया गया एवं 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया इसके संदर्भ में यह सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान ही हमें हर प्रकार की शक्ति देता है, संविधान के प्रस्तावना की सबसे पहली पंक्ति हम भारत के लोग (We the People of India) है, इसका अर्थ है कि जो भारत का नागरिक है या नहीं भी है लेकिन भारत में रहता है यह संविधान उन सब पर लागू होता है। संविधान में व्यवस्था के तीन अंग बताए गए हैं, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों में से कोई एक दूसरे के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका उसे लागू करती है और न्यायपालिका का काम है कि जो नियम बना है उसे ठीक से लागू किया जा रहा है या नहीं, यह देखना। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार का वर्णन संविधान के अध्याय-03 में किया गया है यदि  मौलिक अधिकार का हनन होता है तो आप अनुच्छेद-32 के अंतर्गत माननीय उच्चतम न्यायालय एवं अनुच्छेद अनुच्छेद-226 एवं 227 के तहत माननीय उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं कि मेरे मौलिक अधिकार में हनन किया है। लेकिन वहीं पर अध्याय-04 में नीति निर्देशक तत्व अंकित है, जो सरकार के लिए है कि सरकार समाज के कल्याण के लिए काम करेगी, लेकिन सरकार समाज के कल्याण का काम कर रही है या नहीं कर रही है, इसके लिए आप न्यायालय में चुनौती नहीं दे सकते हैं, तो इसका उपाय क्या है, यह बात संविधान सभा में रखी गई, इसके लिए प्रत्येक पाँच साल पर चुनाव कराया जाता है। जो तय करता है कि सरकार समाज का कल्याण का काम कर रही है या नहीं कर रही है। सरकार समाज के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाती है, लेकिन लोगों में जागरूकता का अभाव है इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट जज होते हैं एवं उपाध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं ताकि जागरूकता कार्यक्रम में कल्याणकारी योजनाओं की सही जानकारी लोगों तक पहुंचाया जा सके। इसलिए न्यायपालिका और एक कार्यपालिका को एक साथ कार्य करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकार बनाया गया है। उन्होंने लोगों से विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम से जुड़कर  लाभ उठाने की अपील की। इस अवसर पर श्रम संसाधन विभाग, बिहार द्वारा बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत चलाई जा रही योजनाओं से कई लाभुकों को माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कर कमलों से लाभान्वित करवाया गया, जिनमें अमरनाथ कुमार यादव, अनिल कुमार यादव, मनोज कुमार यादव, शंकर यादव, मो दिलशाद, लाला सदाय, रामदयाल यादव एवं गन्नौर पासवान शामिल हैं। इस अवसर पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी राजेश झा राजा, अनुमंडल पदाधिकारी सदर सुश्री चंद्रिमा अत्री, संयुक्त निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था राकेश रंजन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक रंजन, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग सुश्री नेहा कुमारी के साथ प्रेक्षा गृह में लगाए गए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, नीलाम पत्र वाद, स्वास्थ्य विभाग, समेकित बाल विकास योजनाएं, सामाजिक सुरक्षा के स्टॉल का निरीक्षण किया एवं उनके द्वारा शिविर में किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि अब वन नेशन वन राशन कार्यक्रम के अंतर्गत जन वितरण प्रणाली को बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ दिया गया है। अब उपभोक्ता जिस डीलर से चाहे खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर सम्बल योजना के अंतर्गत अनेक दिव्यांगजनों को बैटरी चालित ट्राई साइकिल की चाभी एवं प्रमाण पत्र माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कर कमलों से प्रदान किया गया, जिसमें जवाहर सहनी, फुलेश्वर चौपाल, मो. इस्लाम, राजनारायण यादव, जगदीश सदाय, जीवछ यादव, राजकुमार चौपाल, मो. मुस्ताक, मो.इरफान, फूल हसन, शनिदेव कुमार मंडल, लाल बाबू यादव एवं विश्वनाथ यादव शामिल हैं।

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