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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–बिहार सरकार द्वारा शिक्षक/कर्मचारियों के संगठन वा आंदोलन तथा सोशल मिडिया पर रोक लगाने की आइसा कड़ी निंदा करती है। उक्त बातें आइसा के राज्य सह सचिव प्रिंस राज, जिला सचिव मयंक कुमार यादव, जिला अध्यक्ष शम्स तबरेज ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उच्च शिक्षा निदेशक व निदेशक माध्यमिक शिक्षा के द्वारा वि वि व उच्च विद्यालय के शिक्षक/कर्मचारियों को खास तरह की स्वायत्तता का हनन करने एवम शिक्षक कर्मचारियों के अधिकारों को सीमित करने की नोटिस जारी करने और विद्यालय शिक्षक के पारंपरिक त्योहार की छुट्टियां समापत करने व मानसिक तनाव डालने को गलत बताया है और उच्च शिक्षा निदेशक और शिक्षा विभाग से शिक्षा सुधार के नाम पर शिक्षक/कर्मचारियों के अधिकारों का हनन बर्दास्त नही किया जायेगा। भारत के संविधान ने यह अधिकार दिया है की संघ वा संगठन बनाकर अपनी लड़ाई को लाकर लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर अपनी लड़ाईयो को जीतते है लेकिन महागठबंधन सरकार को स्वायत्तता
शिक्षा सुधार के नाम पर शिक्षा विभाग शिक्षक – कर्मचारी के अधिकार का हनन कर रही है। शिक्षा में सुधार और गुणवत्ता के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व पर्याप्त शिक्षक- कर्मचारियों की आवश्यकता है। इससे पूरा करने के बजाय शिक्षकों पर मानसिक दबाव बना कर शिक्षा में सुधार व गुणवत्ता की बात करना बेईमानी है।
उन्होंने दिए गए फरमान को वापस लेने की मांग सरकार से की है। आपको बताते चले कि बिहार सरकार ने शिक्षकों की सेवा का समय बढ़ाते हुए अब शाम के 5:00 बजे तक कर दिया है जिससे कई शिक्षक तनाव में है। खासकर के उन शिक्षकों का तनाव और बढ़ गया है जिन्हें पढ़ाने के साथ-साथ बीएलओ की जिम्मेदारी भी मिली है।

By Admin

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