No Widgets found in the Sidebar

ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के नेतृत्व में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु दरभंगा सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी किशोर कुमार झा के साथ दरभंगा नगर निगम अंतर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया। जाँच के क्रम में एक बाल श्रमिक को आयशा जनरल स्टोर मौलागंज से विमुक्त कराया गया है। श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है एवं बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम,1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से 20 हजार प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा। विमुक्त बाल श्रमिक के शैक्षणिक पुनर्वास के साथ साथ पात्र बाल श्रमिक को तत्काल सहायता राशि के रूप में तीन हजार रुपये की राशि तथा माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से पच्चीस हजार रुपये की राशि प्राप्त कर उसे संबंधित बाल श्रमिक के नाम से एफडी कराया जाएगा जो उन्हें उनकी अठारह वर्ष की आयु पूरी होने पर दी जाएगी। धावा दल टीम के सदस्य के रूप में किशोर कुमार झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बेनीपुर  प्रभारी  दरभंगा सदर, प्रयास संस्था से नारद मंडल एवं संदीप कुमार झा, काष्ठ संस्था से नारायण कुमार मजमुदार, तहसीन आलम एवं अन्य शामिल थे। धावा दल की टीम के द्वारा  लोहिया चौक से एकमिघाट, दरभंगा टावर  होते हुए दरभंगा रेलवे स्टेशन, दोनार  चौक स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया। श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ-साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी  धावा दल संचालित  किया  जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *