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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के दरभंगा पॉलीटेक्निक कॉलेज में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिन पर हर साल की तरह इस साल भी 11 नवंबर को आज़ाद दिवस (आज़ाद दिवस) मनाया गया। ज्ञात हो कि दरभंगा पॉलीटेक्निक कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। आज़ाद दिवस के मौके से कुछ दिन पहले यानी 6 नवंबर से ही ये चल रहे थे। इन प्रतियोगिताओं में पहले, तीसरे और पांचवें सेमेस्टर (सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर शाखा) के छात्रों ने पोस्टर मेकिंग, लेखन और भाषण प्रतियोगिता, मॉडल प्रस्तुति, कैरम, बैडमिंटन, क्रिकेट और वॉलीबॉल आदि में भाग लिया। विजेताओं को 11 नवंबर आजाद दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार समारोह की शुरुआत तीसरे सेमेस्टर के छात्र सैयद इमरान द्वारा पवित्र कुरान का पाठ करके की गई और सिविल विभाग के अध्यक्ष वसीम अनवर, मानू पॉलिटिकनिक ने प्रारंभिक भाषण में सभी घटनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, स्कूल विशिष्ट अतिथि के रूप में टेक्नोलॉजी विभाग के डीन डॉ.अब्दुल वाहिद ने अपने संबोधन में दरभंगा सेंटर के सभी कर्मियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर सभी बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करना आसान नहीं है। सभी बच्चे इसे सफल बनाने के लिए पॉलीटेक्निक के शिक्षक बधाई के पात्र हैं। इस कार्यक्रम में मानू कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन के प्रिंसिपल प्रोफेसर फैज़ अहमद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने विचारपूर्ण संबोधन में उन्होंने बच्चों से ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने को कहा। उन्होंने छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी। इस अवसर पर मानू पॉलीटेक्निक दरभंगा के प्राचार्य डॉ.अंजय अदिपु ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आजाद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शिक्षा को याद रखना महत्वपूर्ण है। मौलाना आज़ाद द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किया गया कार्य उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने आईआईटी जैसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक केंद्रों की स्थापना में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उनकी दूरदर्शिता है और यह एक वैज्ञानिक प्रगति का प्रमाण। ज्ञात हो कि आज़ाद दिवस के संयोजक मानू पोलिटिकनिक दरभंगा में भौतिकी के सहायक प्रोफेसर डॉ. साबिर अली थे। इस अवसर पर सभी शिक्षक एवं गैर-शिक्षण कर्मचारी उपस्थित थे।

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