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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–आज दरभंगा शहर के सी.एम. लॉ कॉलेज में आइसा का 6था जिला सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का विधिवत शुरुआत बिहार के लोकप्रिय खेत-मजदूर और किसानों के नेता लक्ष्मी पासवान को श्रद्धांजलि के साथ हुई। जिला सम्मेलन में मुख्य वक्ता के बतौर पालीगंज के विधायक व आइसा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव डॉ. संदीप सौरभ, अतिथि आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार, राज्य सचिव सबीर कुमार, राज्य अध्यक्ष विकास यादव और सम्मेलन के पर्यवेक्षक आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास यादव शामिल थे। जिला सम्मेलन के मुख्य वक्ता संदीप सौरभ ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इजराइल द्वारा फिलिस्तीन पर जारी हमला पूरी मनुष्यता का संकट है। आज दुनिया में बढ़ रहे नस्लीय उन्माद को चिन्हित करने का समय है। फिलिस्तीन की औरतों, बच्चों को भी जिस प्रकार निशाना बनाया जा रहा वह इजराइल की बर्बरता का प्रमाण है। आज भारत में घृणा, वैमनस्य और गैर बराबरी को भाजपा सरकार द्वारा निरंतर बढ़ाया जा रहा है। घृणा की राजनीति को नकारने के लिए आवश्यक है कि भाजपा जैसी नफरती पार्टी को सत्ता से बेदखल किया जाए! मनुष्यता की मुक्ति के लिए पूरी दुनिया में हो रहे दमन–उत्पीड़न के विरुद्ध एकजुट हों, यही आज समय की मांग है। केंद्र सरकार शिक्षा में जो भी नीतिगत बदलाव कर रही उसका मूल उद्देश्य अडानी, अम्बानी, बिरला को मुनाफा पहुंचाना है। इसके खिलाफ हमलोगों को चरणबद्ध लड़ाई चलाने की जरुरत है। केंद्र सरकार के द्वारा शिक्षा के निजीकरण और सांप्रदायिकरण के लिए किए जा रहे कुत्सित प्रयासों को विफल किया जाए यही वर्तमान समय में छात्रों–नौजवानों के कंधों पर यह जरूरी कार्यभार है। जिला सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा कि भगत सिंह-अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए वर्तमान समय में बिहार के छात्र नौज़वानों नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने, भाजपा भगाओ, सार्वजानिक शिक्षा-रोजगार बचाओ अभियान को आगें बढ़ाना होगा। नई शिक्षा नीति 2020 लाकर केंद्र की मोदी सरकार गरीब-मजदूर, किसान परिवार से आने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षा से बेदखल किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों से बिहर की सरकार लाखों छात्रों का नाम काट दिया है रहा है। केंद्र व राज्य सरकार की तानाशाही रवैयें के खिलाफ बिहार में जन आंदोलन तेज करना होगा। जिला सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आइसा के राज्य सचिव सबीर ने कहा कि केंद्र सरकार की नफरत और उन्माद की राजनीति केवल कर रही है। वर्तमान समय में लगातार शिक्षा का स्तर गिरते जा रहा है। केंद्र व राज्य की सरकारों को सोचना चाहिए की बिहार की शिक्षा व्यवस्था को कैसे ठीक किया जाएं। अपने शिक्षा के अधिकार को बाचाने और केंद्र सरकार की नफरत और उन्माद की राजनीति के खिलाफ छात्र-छात्राएं गोलबंद होना होगा। जिला सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आइसा राज्य कार्यकारणी सदस्य रीता ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 सरकार के द्वारा छात्रों पर जबरन थोपा जा रहा है, जो सरकार की तानाशाही रवैया को दर्शाता है। राज्य सरकार को स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में लगातार तीन दिनों तक छात्रों के अनुपस्थित रहने पर नाम काटने के आदेश को वापस लेना होगा नहीं तो छात्र आंदोलन तेज होगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए जसम कें राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य प्रो सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा की आज का दौर बहुत खतरनाक दौर है। इसे दौर से निपटने के लिए छात्र-नौजवान को एकजुट होकर लड़ना होगा। वही सम्मेलन से 23 सदस्यीय जिला परिषद का गठन किया गया। जिसके अध्यक्ष शम्स तबरेज, तथा सचिव मयंक कुमार यादव चुने गए। उपाध्यक्ष के रूप में सबा रौशनी, मिथिलेश कुमार यादव, सह सचिव के रूप में अभिषेक कुमार वा सफाहत रहमानी चुने गए।

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