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अफरोज आलम / हिन्द टीवी 24

समस्तीपुर–स्ट्रोक यानी लकवा एक ऐसी बीमारी है, जो मनुष्य को आजीवन विकलांग बना सकती है। अगर समय रहते इलाज न मिले तो परिणाम घातक हो सकता है। उक्त बातें पटना स्थित मेडाज न्यूरो एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डाक्टर जेड आजाद ने कही। वे शनिवार को शहर के एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में आयोजित स्वास्थ्य जागरुकता कार्यकम में लोगों को स्ट्रोक की पहचान, उससे बचाव व इलाज की विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे थे। उन्होनें बताया कि स्ट्रोक यानी लकवा में मरीज का मुंह तिरछा हो जाता है, हाथ बेजान हो जाते हैं, जुबान लड़खड़ाने लगती है या आवाज पूरी तरह चली जाती है। ऐसा होने पर समय रहते इलाज न मिले तो परिणाम घातक हो सकता है। स्ट्रोक आने के तुरंत बाद जल्द से जल्द 5 घंटे के अंदर मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाए। जिससे उनकी जान को बचाया जा सके। वहीं डाक्टर रज़ि अहमद और डाक्टर राजीव मिश्र ने बताया कि स्ट्रोक आने पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बहुत तेज़ी से नष्ट होने और बनने की गति बहुत धीमी हो जाने से मरीज की स्थिति गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है। पटना स्थित मेडाज न्यूरो एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्ट्रोक (लकवा) बिमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया जाता है। मेडाज न्यूरो एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के द्वारा विश्व स्ट्रोक (लकवा) पर लकवा का सही इलाज एवं निदान सहित इसके रोकथाम के लिए स्ट्रोक लकवा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें विशेषज्ञों के द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य स्ट्रोक जैसी भयावह बीमारी से हो रही मौत एवं विकलांगता को रोकने के साथ ही प्रारंभिक चरण में उसकी पहचान कर समय पर इलाज व जीवनशैली में सुधार कर इस बीमारी को बढने से रोकना है। डाक्टर राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि स्ट्रोक का संदेह होने पर तुरंत पटना स्थित मेडाज न्यूरो एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में संपर्क करें। उन्होनें बताया कि स्ट्रोक के लक्षण एवं संदेह की स्थिति में नि:संकोच कदम बढ़ाए एवं अपने परिवार और दोस्तों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि हर चार व्यक्ति में एक स्ट्रोक आता है कही वो एक आप न क्योंकि स्ट्रोक दुनिया मे मरने वाले एवं विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। इस अवसर पर मेदाज़ हॉस्पिटल के यूनिट हेड सद्दाम मोहम्मद भी मौजूद थे।

By Admin

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