
ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24
दरभंगा–गाजा में इजरायल द्वारा बच्चों-महिलाओं और बेगुनाहों के बर्बर जनसंहार और भारत में मीडिया/पत्रकारों पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हमले के खिलाफ आज दरभंगा में भाकपा(माले), इंसाफ मंच, आइसा, RYA के संयुक्त बैनर से नागरिक प्रतिरोध मार्च का आयोजन हुआ। गाजा में इजरायली जनसंहार पर रोक लगाओ, फिलिस्तीनियों के होमलैंड के अधिकार के साथ खड़े हो, भारत में इस नाम पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाना बंद करो, इजरायली जनसंहार पर मोदी सरकार चुप क्यों, प्रेस/मीडिया की आवाज दबाना बंद करो आदि तख्तियों के साथ दर्जनों लोग नागरिक प्रतिवाद में शामिल हुए। मार्च कमीशनरी से निकलकर लहेरियासराय टावर पर इंसाफ मंच के जिला सचिव पप्पू खान, भाकपा (माले) नेता देवेंद्र कुमार और आइसा नेता शम्स तबरेज की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि आज गाजा को दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल में तब्दील कर दिया गया है। बच्चे-बुजुर्ग-महिलाओं पर लगातार बम गिराए जा रहे हैं। न गाजा में पानी है न बिजली है न दवाई। इस तरह की नाकेबंदी का मतलब है – एक बहुत बड़ा जनसंहार जो होलोकास्ट यहूदियों और अन्य लोगों को हिटलर के समय झेलना पड़ा था, आज वही हाल फिलिस्तीन का है। इजरायल फिलिस्तीन को मिटा देने चाहता है। वही भाकपा (माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार ने कहा की हमारे देश के प्रधानमंत्री मणिपुर पर एक शब्द नहीं बोलते, लेकिन इजरायल पर तुरत ट्वीट करते हैं। लेकिन आज जब पूरी दुनिया में फिलिस्तीन को बचाने की आवाज उठी है, यूनाइटेड नेशन ने इसे जबरदस्त मानवीय संकट कहा है, तब मोदी सरकार ने फिलिस्तीन की ओर से पीठ फेर ली है। भाजपा के लोग प्रचार करते हैं कि मोदी जी ने यूक्रेन का युद्ध बंद करा दिया। इजरायल से दोस्ती का दावा करते हैं। जो भी दोस्ती है, उस प्रभाव का इस्तेमाल करके वे फिलिस्तीन में शांति स्थापित करने का प्रयास क्यों नहीं करते? भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य शनिचरी देवी ने कही की भारत में पत्रकारों पर हमला किया जा रहा है। यह सरकार चाटुकारिता को पत्रकारिता बताती है। चीन तो बहाना है, पत्रकार निशाना है। आइसा के जिला अध्यक्ष प्रिंस राज ने गाजा पर इजरायली हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भाजपा, भारत में आतंकी हमलों और हमास के वर्तमान हमलों के बीच फर्जी समानता प्रदर्शित करने की कोशिश कर रही है। मोदी सरकार और भाजपा इस स्थिति का उपयोग भारत में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध घृणा भड़काने के लिए करना चाहते हैं। प्रेस की आजादी पर लगातार हमला हो रहा है। इंसाफ मंच के जिला सचिव पप्पू खान ने कहा कि इजराइल के विरुद्ध सैन्य हमले की निंदा का पतन गाज़ा में उत्पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के विरुद्ध इजराइल के जनसंहारक युद्ध का समर्थन करने और उसके सहअपराधी बन जाने के रूप में नहीं होना चाहिए। भारतीय विदेशी नीति को तत्काल युद्धविराम व शांति स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए और फिलिस्तीनियों के संप्रभु होमलैण्ड के अधिकार को मान्यता देते हुए राजनीतिक समाधान को संभव बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। इस अवसर पर अशोक पासवान, पप्पू पासवान, हरि पासवान, विनोद सिंह, रंजन प्रसाद सिंह, पप्पू खान, धर्मेश यादव, शिवन यादव, मोहम्मद जमालुद्दीन, शनिचर पासवान, मोहम्मद वाहिद, भोला पासवान, संतोष यादव, मिथिलेश कुमार, मोहम्मद शम्स तबरेज, संदीप कुमार, मोहम्मद सोएब, कोमल यादव, कैलाश पासवान, मोहम्मद जीसान,मोहम्मद कुर्वान, मोहम्मद असलम, मोहम्मद जमशेद,प्रवीण यादव, ललन पासवान सहित दर्जनों लोग शामिल थे।