
ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24
दरभंगा–जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुधवार को मनीगाछी प्रखंड के विभिन्न गांवों में पदयात्रा की। इस दौरान वाजिदपुर पंचायत में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों को जाति चाहिए, धर्म चाहिए और 5 किलो अनाज चाहिए, आपको अपने बच्चों के लिए पढ़ाई-रोजगार नहीं चाहिए। यही बिहार की दुर्दशा का कारण है। मैं पैदल चलकर आपके गांव में आया हूं, रास्ते में मुझे 200 बच्चे मिले, तो उनमें आधे से ज्यादा बच्चों के शरीर पर शुद्ध कपड़ा नहीं है। ज्यादातर बच्चों के पैर में हवाई चप्पल नहीं है। कोई विद्यालय ऐसा नहीं मिला जहां बच्चे पढ़ते दिखे, बच्चे पिलुवा वाली खिचड़ी खाकर सड़क पर दौड़ते दिखे, बावजूद इसके आपको अपने बच्चों की चिंता नहीं है। जिन नेताओं ने आपके बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब लेकर खिचड़ी का प्लेट पकड़ा दिया, जिन नेताओं के भ्रष्टाचार के कारण आपके बच्चे घर छोड़कर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने को मजबूर हैं यदि कल चुनाव होगा तो उसी दल और उसी नेता का आप जाति, धर्म के नाम पर आप वोट देते हैं। आपको अपने बच्चों की चिंता नहीं है, अगर आपको अपने बच्चों की चिंता होती तो आप ऐसे नेताओं को वोट नहीं करते जिन्होंने आपके बच्चों की ये दुर्दशा की। प्रशांत किशोर ने कहा कि बच्चों की चिंता क्या होती है यदि आपको ये सीखना है तो लालू जी को देखिए। लालू जी का लड़का नौंवी नहीं पास है, लेकिन लालू जी को ये चिंता है कि उनका बेटा बिहार का मुख्यमंत्री कैसे बनेगा। आप अपनी दशा देखिए, आपके बच्चों ने मैट्रिक, बीए, एमए पास कर लिया बावजूद इसके उसके पास चपरासी तक की नौकरी नहीं है। लेकिन, आपको उसकी कोई चिंता नहीं है। अब एक बड़ा सवाल ये है की प्रशांत किशोर जी पदयात्रा के दौरान लोगों को जाति और धर्म से ऊपर उठकर के वोट करने की बात कर रहे हैं। ऐसे लोगों को ये बाते समझने में अभी और वक्त लगेगा जिसकी एक नाकाम कोशिश प्रशांत किशोर के द्वारा किया जा रहा है। अभी तक पूरे देश की बात करें तो हिंदी भाषी जितने भी राज्य हैं वहां अभी भी जातीय धर्म के आधार पर वोट किया जाता है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता।