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दरभंगा–अधिवक्ता शाहिद अतहर ने दिवंगत डॉ. इमाम आजम साहब के दोनों पुत्रों डॉ. नवा इमाम और इंजीनियर फिजा इमाम से उनके आवास पर मुलाकात की एवं गहरा दुख और शोक व्यक्त किया। अधिवक्ता शाहिद अतहर ने कहा कि मरहूम डॉ. इमाम आज़म साहब से मेरे व्यक्तिगत संबंध कमोबेश 35 साल पुराने हैं। हमें कभी नहीं लगा कि दोनों लोगों के बीच उम्र का इतना फासला है। हम जब भी मरहूम डॉ. इमाम आज़म साहब से मिले तो बहुत गर्मजोशी से वह बहुत ही गर्मजोशी से मिले। अल्लाह मरहूम को जन्नत अल-फ़िरदौस में सबसे आला मुकाम अता फरमाए। आमिन। अधिवक्ता शाहिद अतहर ने कहा कि 2016 में एक बार मैं सिर्फ दो दिन के लिए अपने निजी काम से कोलकाता गया था और वहां मैंने डॉक्टर साहब का हाल जानने के लिए फोन किया। उन्होंने कहा कि आप कोलकाता में हैं और बिना मिले चले जाएंगे, यह कहां तक ​​उचित है। फिर मुझे उनकी बात मानकर मानु स्थित उनके ऑफिस जाना पड़ा, जहां वह बाहर सड़क के पास अकेले थे। फिर वह मुझे अपने ऑफिस ले गए। मरहूम डॉ. इमाम आजम साहब बेहद मिलनसार व्यक्ति थे। उन्होंने उर्दू भाषा की सेवा की और आने वाली पीढ़ी को यह न्योता देकर गए कि अगर दीन और दुनिया में तरक्की करनी है तो अपनी मातृभाषा से बेहद प्यार करें। इस मौके पर दोनों भाइयों ने कहा कि ईश्वर ने चाहा तो मैं अपने पूज्य पिताजी के पदचिन्हों पर चलकर देश व समाज की सेवा करूंगा।

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