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ब्यूरो रिपोर्ट हिन्द टीवी 24

दरभंगा–बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के तहत 2459+1 कोटी के मदरसों के अंतर्गत प्रस्वीकृत व अनुदानित कोटि- 205 के मदरसों में से 142 मदरसों की जांच प्रक्रिया जिलों में गठित जांच कमेटियों से पूरी होने के बाद उनमें से 50 मदरसों को विभागीय संकल्प संख्या- 1090 दिनांक 29 नवंबर 1980 में निर्धारण आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण विशेष निदेशक माध्यमिक शिक्षा पटना ने 30 नवंबर 2023 को अपने पत्र द्वारा अध्यक्ष बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना को अनुशंसा किया है कि वेतनानुदान को स्थगित करते हुए उपरोक्त मदरसों के संबंध में बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड नियमावली 2022 के नियम 12(2) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अग्रेतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। पत्र की प्रतिलिपियां अनुपालनार्थ संबंधित दरभंगा, किशनगंज, पूर्वी चंपारण एवं समस्तीपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एवं कोषागार पदाधिकारी को भी भेजी गई है। इस खबर से मदरसा शिक्षकों में हड़कंप मच गई है तथा बुद्धिजीवियों में भी आक्रोश है। जनकल्याणकारी सह शिक्षा विकास मंच के अध्यक्ष निर्भय यादव तथा उपाध्यक्ष विजय कुमार देव सहित कई बुद्धिजीवियों का तर्क है कि जिन 50 मदरसों के शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने की अनुशंसा की गई है उसमें शिक्षकों का क्या दोष है? अकारण उनका परिवार भुखमरी सहित अन्य समस्याओं का शिकार होगा। जहां तक आधारभूत संरचना की बात है तो वह तो मदरसा के पास स्थापना काल से ही कच्चे अथवा पक्के भवन के रूप में था ही जिसे तीन से चार दहाईयों के बीच बाढ़, भाड़ी बारिश, चक्रवात एवं भूकंप आदि का सामना करना पड़ा जिसमें वह ध्वस्त होता रहा और मदरसा की प्रबंधन समितियों ने जैसे तैसे भवन निर्माण करा कर मदरसों को संचालित करने का काम किया जो शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय प्रयास ही मानी जाएगी। इसे एक झटके में किनारे लगा देना कहीं से उचित नहीं है। इस मामले पर विभाग गंभीरता से विचार करे और यदि कहीं कोई कमी है तो उस कमी को दूर करने के लिए कुछ महीनों का मौका विशेष रूप से उपलब्ध किया जा जाए। श्री यादव ने कहा कि इस मामले में माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार एवं अध्यक्ष बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को स्पीड पोस्ट एवं मेल द्वारा पत्र भेज कर अनुरोध किया है कि ऐसे सभी मदरसों को अपनी कमियों को दूर करने के लिए मोहलत दिया जाए। आशा है कि उस पर गंभीरता पूर्वक वे निर्णय लेंगे। उल्लेखनीय है कि जिन 50 मदरसों पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है उनमें दरभंगा जिला के ही केवल 32 मदरसे शामिल हैं। ऐसे सभी 50 मदरसों में 48 वस्तानिया स्तर के मदरसे हैं तथा दो मदरसे फोकानिया स्तर के हैं जो पूर्वी चंपारण जिला के हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई माननीय पटना उच्च न्यायालय के तहत सीडब्ल्यूजेसी नंबर 20406/2018 (मो.अलाउद्दीन बिस्मिल बनाम द स्टेट ऑफ बिहार एवं अन्य) में उच्च न्यायालय पटना द्वारा दिनांक 24 जनवरी 2023 को पारित आदेश के अनुपालन के संबंध में की गई थी जिसके लिए जिलों में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित हुई थी और उन्हीं के जांच प्रतिवेदन के आलोक में यह कार्रवाई की गई है। दूसरी ओर इस कार्रवाई से परेशान चल रहे विभिन्न मदरसों के प्रधान मौलवियों ने भी अध्यक्ष बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर मदरसों में भवन आदि के आकार की कमी को दूर करने के लिए समय मांगा है तथा बाद में इसका फिर से जांच कराने का अनुरोध भी किया है।

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